Big Breaking:-10 माह से नहीं हो पाई एसटीए की बैठक, यात्री किराया व मालभाड़े पर लिया जाना है फैसला

State Transport Authority Meeting उत्‍तराखंड में यात्री किराया और मालभाड़े पर निर्णय दो साल से लंबित है जिसे एसटीए को तय करना है। दस महीने से बैठक नहीं हुई है जबकि व्यावसायिक वाहन किराया हर साल बढ़ना था। समिति ने रिपोर्ट सौंपी है परमिट उल्लंघन के मामलों पर भी निर्णय होना है। जल्द ही बैठक की तिथि तय होगी।

• किराया और मालभाड़ा निर्णय लंबित

• दस महीने से एसटीए बैठक नहीं

• परमिट उल्लंघन मामलों पर निर्णय

देहरादून। प्रदेश में यात्री किराया व मालभाड़े का विषय तकरीबन दो साल से लंबित चल रहा है। इसे बढ़ाया जाना है या फिर यथावत रखना है, इसका निर्णय राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) को लेना है। हाल यह है कि जिस बैठक को हर तीन माह में होना था, वह 10 माह के लंबे अंतराल के बाद भी नहीं हो पाई है।

प्रदेश में इस वर्ष इस वर्ष राज्य परिवहन प्राधिकरण की एक भी बैठक नहीं हो पाई है। इसकी अंतिम बैठक गत वर्ष अक्टूबर में हुई थी। एसटीए की बैठक हुए तकरीबन दस माह का समय बीत चुका है।

प्राधिकरण की पूर्व की बैठकों में निर्णय लिया गया था कि व्यावसायिक वाहनों के किराये में हर वर्ष बढ़ोतरी की जाएगी। प्रदेश में तीन वर्ष से यात्री किराया व मालभाड़ा यथावत है।

किराया निर्धारण के लिए प्राधिकरण ने बाकायदा एक समिति का गठन किया। गत बैठक में समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी लेकिन इस पर और सुधार करने के निर्देश दिए गए।

यह समिति अब फिर से अपनी रिपोर्ट एसटीए को सौंप चुकी है। बैठक में इस रिपोर्ट पर भी चर्चा होनी है। यह बात अलग है कि एसटीए के निर्णय से पहले कई स्थानों पर व्यावसायिक वाहन स्वामियों ने वाहन किराया बढ़ा दिया है।

बैठक का एक अन्य प्रमुख विषय राज्य परिवहन प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गों की श्रेणी से राज्य राजमार्गों की श्रेणी में लाए गए मार्गों पर निजी व्यवसायिक वाहनों के संचालन को परमिट देना भी है।

इन मार्गों में प्रमुख रूप से देहरादून-मसूरी, देहरादून-ऋषिकेश व देहरादून-हरिद्वार मार्ग प्रमुख है। साथ ही बैठक में परमिट के नियमों के उल्लंघन के मामले में लंबित प्रकरणों पर भी निर्णय लिया जाना है। सचिव एसटीए व अपर आयुक्त परिवहन एसके सिंह ने कहा कि जल्द ही बैठक की तिथि तय की जाएगी।

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