
मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में फायर सेफ्टी ऑडिट होगा। स्वास्थ्य सचिव ने इस संबंध में सख्त निर्देश देते हुए हा कि सुरक्षा में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
जयपुर के एक अस्पताल आग लगने की घटना के बाद प्रदेश सरकार ने सभी मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों में सुरक्षा के लिए फायर सेफ्टी ऑडिट करने का निर्णय लिया है।
सचिवालय में स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने समीक्षा बैठक में निर्देश सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों में फायर सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के निर्देश दिए।
हर महीने मॉक ड्रिल प्रैक्टिस कर फायर सेफ्टी का ऑडिट किया जाएगा। अस्पतालों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. अजय आर्य, दून मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. गीता जैन, उपसचिव जसंविदर कौर, सीएमएस दून मेडिकल कॉलेज डॉ. आरएस बिष्ट मौजूद रहे।
दून मेडिकल कॉलेज में फायर सेफ्टी के लिए सख्त निर्देश
स्वास्थ्य सचिव ने दून मेडिकल कॉलेज में फायर सेफ्टी से जुड़ी कार्यदायी संस्था को निर्देश दिए फायर से संबंधित अनापत्ति प्रमाण पत्र शीघ्र उपलब्ध कराया जाए। सचिव ने अग्निशमन विभाग से भी आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह किया। सचिव ने स्प्रिंकलर, मोटर्स व अन्य फायर सेफ्टी उपकरणों की जांच कर उनका डेमो कराया जाए।
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को निर्देश दिए कि कार्यदायी संस्था के साथ नियमित रूप से प्रतिमाह बैठक की जाए। कार्यदायी संस्था ने बैठक में जानकारी दी कि ओटी बिल्डिंग की फायर एनओसी 30 अक्तूबर 2025 तक व सीएसएसडी विभाग की एनओसी 30 नवंबर 2025 दी जाएगी।
मरीजों व स्टाफ की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता : धामी
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, राज्य के सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों में फायर सुरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जाएगा। अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना अनिवार्य है।
हमारी प्राथमिकता मरीजों और अस्पताल स्टाफ की सुरक्षा है। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि उत्तराखंड के सभी अस्पताल सुरक्षा मानकों के अनुरूप संचालित हों। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
