
देहरादून: मर्चेंड नेवी में तैनात देहरादून के एक युवक का सिंगापुर-चीन के बीच संदिग्ध परिस्थितियों में जहाज से लापता हो जाना परिजनों के लिए चिंता का विषय बन गया है। युवक के लापता होने की सूचना स्वजनों को 20 सितंबर की शाम को मिली, जिसके बाद से परिवार बेहद परेशान है।
उन्होंने जिलाधिकारी एवं मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उसकी तलाश करने की गुहार लगाई है। परिवार का शक है कि उसे जहाज के अंदर ही बंधक बनाया गया हो सकता है।
नरेंद्र राणा, जो संजय कॉलोनी पटेलनगर देहरादून के निवासी और तिलवाड़ा जैली गांव रुद्रप्रयाग के मूल निवासी हैं, ने बताया कि उनका बेटा करणदीप सिंह राणा मर्चेंड नेवी में सीनियर डेक कैडेट के पद पर कार्यरत है। करणदीप 16 अगस्त को देहरादून से दिल्ली गया और वहां से 18 अगस्त को सिंगापुर पहुंचा। 19 अगस्त से वह शिप पर ट्रेनिंग ले रहा था।
करीब एक महीने की ट्रेनिंग के दौरान करणदीप ने 20 सितंबर को फोन कर बताया कि वह ठीक है और सबका हालचाल पूछा। उसी दिन शाम को एग्जिक्यूटिव शिप मैनेजमेंट कंपनी ने सूचना दी कि करणदीप का पता नहीं लग पा रहा है। कंपनी के अनुसार, उसका एक जूता और एक कैमरा जहाज पर मिला है…लेकिन कोई ठोस जानकारी नहीं दी गई है।
यह घटना श्रीलंका के दक्षिण-पूर्व 150 नॉटिकल माइल की दूरी पर तब हुई जब जहाज सिंगापुर से चीन की ओर जा रहा था। कंपनी ने बताया कि सर्च एंड रेस्क्यू टीम को सूचित किया गया है और जहाज को उसी स्थान पर वापस लाया गया जहां युवक लापता हुआ था। करीब 96 घंटे जहाज वहीं रुका रहा, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
श्रीलंका समुद्री बचाव समन्वय केंद्र इस पूरी प्रक्रिया में सक्रिय था। परिवार ने संदेह जताया है कि करणदीप को जहाज पर ही हिरासत में रखा गया हो सकता है और उसे चालक दल से बात करने की अनुमति नहीं दी जा रही। कंपनी ने बताया कि आखिरी बार उसे समुद्र से लगभग 200 मीटर दूर देखा गया था।
नरेंद्र राणा ने बताया कि उनका बेटा समुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ मारिटाइम स्टडीज का टॉपर है और पहले भी दो जहाजों पर काम कर चुका है, जहां उसके प्रदर्शन को प्रमुख अधिकारियों ने सराहा था।
इन तथ्यों को देखते हुए परिवार इस घटना को संदिग्ध मान रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी को पत्र लिखकर जल्द से जल्द करणदीप की खोज और उचित कार्रवाई की मांग की है।
