
“सेवा पुस्तिका गायब, समाधान के लिए देवताओं की शरण – लोहाघाट में अधिकारियों से मांगे गए दो मुट्ठी चावल”
लोहाघाट के लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग खंड कार्यालय में इन दिनों एक अजीबोगरीब फरमान चर्चा का विषय बना हुआ है।

अधिशासी अभियंता आशुतोष कुमार द्वारा जारी एक आधिकारिक पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें गायब हुई एक कर्मचारी की सर्विस बुक को खोजने के लिए देवी-देवताओं की शरण लेने की बात कही गई है।
पत्र के अनुसार, खंड में कार्यरत अपर सहायक अभियंता जय प्रकाश की सेवा पुस्तिका (Service Book) कार्यालय की अलमारी से गायब हो गई है।
काफी खोजबीन के बावजूद जब दस्तावेज़ नहीं मिला, तो अधिशासी अभियंता और संबंधित कर्मचारी दोनों मानसिक रूप से परेशान हो गए।
समस्या का समाधान खोजने के प्रयास में अधिशासी अभियंता ने एक अनूठा सुझाव दिया — सभी अधिकारी व कर्मचारी अपने-अपने घर से दो मुट्ठी चावल लेकर आएं और उसे किसी मंदिर में अर्पित करें।
उनका मानना है कि इस ‘दैवीय उपाय’ से सर्विस बुक की समस्या का समाधान निकल सकता है और देवता स्वयं न्याय करेंगे।
पत्र में लिखा गया है कि सभी कर्मचारी 17 मई 2025 को कार्यालय में दो मुट्ठी चावल लेकर उपस्थित हों और इन्हें मंदिर में चढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी।
सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रिया
यह पत्र जैसे ही सार्वजनिक हुआ, सोशल मीडिया पर इसकी खूब चर्चा होने लगी।
कुछ लोगों ने इसे सरकारी सिस्टम पर कटाक्ष करते हुए ‘आध्यात्मिक नौकरशाही’ की संज्ञा दी, तो कुछ ने इसे एक अधिकारी की मानवीय भावनाओं से जुड़ी पहल बताया।
लेकिन यह मामला यह जरूर दिखाता है कि सरकारी दफ्तरों में दस्तावेजों की सुरक्षा और रिकॉर्ड-प्रबंधन कितने कमजोर हैं।
चावल से न्याय की उम्मीद रखने वाला यह मामला एक तरफ प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा करता है, तो दूसरी ओर अंधविश्वास और आधिकारिक प्रक्रिया के विचित्र मेल का उदाहरण भी बन गया है।
देखना होगा कि क्या सचमुच देवता न्याय करेंगे या सरकारी व्यवस्था को ही खुद जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी।