
मौसम बदला रहा, लेकिन हेली कंपनियों पर इसका कोई असर नहीं हुआ। ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और कोहरा होने के बावजूद हेलिकॉप्टर धड़ल्ले से उड़ान भरते रहे।
दो दिन तक मौसम विभाग के अलर्ट और खराब मौसम के बावजूद क्षेत्र में हेलिकॉप्टर बेरोकटोक उड़ान भरते रहे। दिनभर मौसम खराब होने के कारण विजिबिलिटी काफी कम थी, लेकिन हेलिकॉप्टर लोगों की जान जोखिम में डालकर दिनभर उड़ते रहे।
मौसम विभाग की ओर से चमोली जिले में दो दिन का अलर्ट जारी किया गया था। जिसे देखते हुए प्रशासन ने छह और सात अक्तूबर को उच्च हिमालयी क्षेत्र में ट्रैकिंग और निर्माण कार्य पर रोक लगाई थी। छह अक्तूबर को दोपहर बाद शुरू हुई बारिश मंगलवार अपराह्न बाद थमी।
उसके बाद भी मौसम बदला रहा, लेकिन हेली कंपनियों पर इसका कोई असर नहीं हुआ। ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और कोहरा होने के बावजूद हेलिकॉप्टर धड़ल्ले से उड़ान भरते रहे।
हेली कंपनियां यात्रियों की जान जोखिम में डालकर हेलिकॉप्टरों का संचालन करते रहे। इस साल चारधाम यात्रा के दौरान सबसे अधिक हेली हादसे हुए हैं, लेकिन कंपनियां इससे कोई सबक नहीं ले रही हैं।
दूसरी ओर उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के सीईओ आशीष चौहान का कहना है डीजीसीए व एटीएस की ओर से हेली सेवा संचालन की निगरानी की जा रही है।
डीजीसीए की अनुमति के बाद हेलिकॉप्टरों को उड़ान भर सकते हैं। डीजीसीए को लगता है कि हेलिकॉप्टर के संचालन में मानकों का पालन नहीं किया गया तो हेली कंपनियों को नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाएगी।
