
अतिवृष्टि के कारण किसानों की फसलों को हुए नुकसान की समीक्षा करते कृषि मंत्री गणेश जोशी
देहरादून, 05 सितम्बर। प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने आज अपने कैंप कार्यालय में कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर अतिवृष्टि से किसानों की फसलों को हुए नुकसान की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने फसलों को हुए नुकसान की विस्तार से जानकारी ली।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि फसलों के नुकसान का नियमित रूप से सर्वेक्षण कर प्रतिदिन रिपोर्ट मंत्रालय को उपलब्ध कराई जाए। कृषि मंत्री ने अधिकारियों से स्पष्ट कहा कि भारत सरकार के मानकों के अनुसार शीघ्र कागजी कार्यवाही पूरी कर किसानों को मुआवजा उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि आपदा से प्रभावित कृषकों को तुरंत राहत मिलना सरकार की पहली प्राथमिकता है।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में अतिवृष्टि से औद्यानिक फसलों को 12,272.74 हेक्टेयर क्षेत्रफल में नुकसान हुआ है।
इनमें से 33 प्रतिशत से अधिक क्षति श्रेणी में कुल क्षेत्रफल 4,797.49 हेक्टेयर दर्ज किया गया है, जिसमें सिंचित क्षेत्र 1,394.90 हेक्टेयर और असिंचित क्षेत्र 3,402.66 हेक्टेयर शामिल हैं।
उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी विकासखंड के धराली ग्रामसभा में औद्यानिक फसलों की क्षति का क्षेत्रफल 6.10 हेक्टेयर दर्ज किया गया।
इसी प्रकार कृषि फसलों को प्रदेश में 339.47 हेक्टेयर क्षेत्रफल में नुकसान हुआ है, जिनमें 33 प्रतिशत से अधिक क्षति की श्रेणी का क्षेत्रफल कुल 45 हेक्टेयर दर्ज किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि यह नुकसान भारत सरकार के आपदा मानकों के अनुसार 33 प्रतिशत से अधिक है और मुआवजा वितरण की श्रेणी में आता है।
विभागीय अधिकारियों द्वारा यह भी बताया गया कि तराई क्षेत्र में जनपद हरिद्वार और उधमसिंह नगर के खटीमा में खेतों में जल भराव के कारण आंकलन नहीं हो पाया है जो शीघ्र ही किया जाएगा।
कृषि मंत्री जोशी ने अधिकारियों को कहा कि प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में किसानों के साथ खड़ी है और शीघ्र ही मुआवजा वितरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
बैठक में कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार और निदेशक बागवानी मिशन महेंद्र पाल उपस्थित रहे।