
लालकुआं क्षेत्र के प्रॉपर्टी डीलर महेश जोशी की बरेली राममूर्ति अस्पताल में सोमवार को मौत हो गई। उन्होंने तहसील में जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया था। उनकी मौत के बाद परिवारजनों ने कोतवाली के बाहर शव रखकर प्रदर्शन किया।
लालकुआं तहसील की गलियों में सोमवार की शाम सन्नाटा पसरा हुआ था। हर चेहरे पर गुस्सा भी था और गम भी। बबूर गुमटी का वह शख्स जो हर दुख-सुख में सबके साथ खड़ा रहता था, अब हमेशा के लिए दुनिया से चला गया।
महेश जोशी सिर्फ़ एक प्रॉपर्टी डीलर नहीं, बल्कि समाज के लिए समर्पित इंसान बताए जाते थे। बरेली के श्री राम मूर्ति अस्पताल में अंतिम सांस लेने के बाद जेब से निकले सुसाइड नोट की पंक्तियों ने पूरे इलाके को झकझोर दिया।
शाम के करीब पांच बजे जब महेश का शव लालकुआं कोतवाली पहुंचा, तो वहां मौजूद भीड़ के सब्र का बांध टूट गया। परिजन बेसुध थे तो ग्रामीण आक्रोश में।
महेश को न्याय दिलाओ, दोषियों को गिरफ्तार करो, जैसे नारों के साथ उन्होंने शव कोतवाली के गेट पर रख दिया। हर कोई अपनी आंखों से आंसू पोंछते हुए पुलिस और आरोपी पटवारी के खिलाफ नारे लगा रहा था।
पुलिस अधिकारी, विधायक, मजिस्ट्रेट सब लोग समझाने आए पर आक्रोशित भीड़ ने साफ कह दिया, हम आरोपी पटवारी के खिलाफ कार्रवाई के बाद ही यहां से उठेंगे।
रात करीब नौ बजे मोबाइल स्क्रीन पर पटवारी पूजा रानी से पूछताछ करने का वीडियो दिखाया गया। तब कोतवाली परिसर में आक्रोश की ज्वाला शांत हुई। ग्रामीणों ने शव उठाया लेकिन दिलों में सवाल और पीड़ा अब भी रह गई है।
6 ग्रामीणों के विरोध की सूचना पर मैंने लालकुआं कोतवाली पहुंचकर जानकारी ली। ग्रामीणों को वार्ता कर समझाया गया। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। पटवारी को मुख्यालय से अटैच कर दिया गया है। इस मामले में जांच कमेटी बना दी गई है। जांच के बाद संलिप्तता मिली तो विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।
गोपाल सिंह चौहान, सिटी मजिस्ट्रेट
सुसाइड नोट में लिखा-पूजा रानी ने मुझे परेशान किया…
मैं अपनी इच्छा से आत्महत्या कर रहा हूं। इसमें मेरे घर या बाहर वाले का कोई कसूर नहीं है। लालकुआं की पटवारी पूजा रानी ने मुझे काफी परेशान किया है। मेरे मरने के बाद इंसाफ दिला देना…।
ये लाइनें उस की हैं जो मृतक महेश जोशी के जेब से बरामद किया गया है। पूरे मामले में लोग केवल यही बात कहते रहे कि मरने वाला हमारे बीच नहीं है। वह न्याय की मांग करते हुए दुनिया से गया है तो हम उसे न्याय दिलाकर ही मानेंगे।
