Big Breaking:-तो हादसे के लिए जख्मी हाथी को ही जिम्मेदार ठहरा रहा रेलवे, अधिकारी बोले- गजराज की गलती

गुलरभोज-लालकुंआ रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आकर घायल हुआ हाथी अब भी तड़प रहा है। उसके उपचार के लिए मथुरा से पहुंची विशेष टीम उसे लगातार राहत देने की कोशिश में जुटी है। अधिकारी इस घटना का जिम्मेदार बेजुबान हाथी को ही मान रहे हैं।

गुलरभोज-लालकुंआ रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आकर घायल हुआ हाथी अब भी तड़प रहा है। उसके उपचार के लिए मथुरा से पहुंची विशेष टीम उसे लगातार राहत देने की कोशिश में जुटी है। रेलवे के अधिकारी इस घटना के बाद किसी तरह की विभागीय जांच नहीं कराने की बात कह रहा है।

अधिकारी इस घटना का जिम्मेदार बेजुबान हाथी को ही मान रहे हैं। उनका कहना है कि हाथी के अचानक ट्रेन के सामने आ जाने से यह हादसा हुआ। वहीं, पशुप्रेमी इस घटना का असली दोषी रेलवे को ही ठहरा रहे हैं।

उनका कहना है कि रेलवे की लापरवाही और संवेदनहीनता के चलते हाथी जख्मी हुआ है। पशु प्रेमियों ने हाथी के साथ हुई घटना की भी प्रभावी जांच की मांग की है।

रेलवे ट्रैक पर 30 किमी प्रति घंटा की गति निर्धारित है। सवाल उठ रहा है कि यदि ट्रेन की गति सामान्य थी तो तो लोको पायलट ब्रेक क्यों नहीं लगा पाया? रेलवे का कहना है कि लालकुआं तक वन क्षेत्रों में पटरी के दोनों ओर जगह-जगह चेतावनी और सावधानी के बोर्ड लगाए गए हैं ताकि लोको पायलट ट्रेन की गति को नियंत्रित रखें।

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